शहर की बेटी शिल्पा अब गुगल को देगी नॉलेज

उज्जैन में पढ़ी शिल्पा सावंत गूगल के एकेडमिक पैनल में शामिल होने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। माधव कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शशिकांत सावंत की बेटी शिल्पा सेंटमेरी कॉन्वेंट स्कूल की 1998 बैच की छात्रा हैं। 2015 में उन्होंने रत्नगिरि के अल्फांसो आम की मार्केटिंग कर उसकी बिक्री 1900 फीसदी बढ़ा दी थी। 2016 में औरंगाबाद के एक अस्पताल काे स्पेशल एक्टीविटी के लिए गूगल से 40 लाख रुपए का पैकेज दिलवाया था। शिल्पा का कहना है कि गूगल ऑनलाइन मार्केटिंग चैलेंज के लिए साल में एक बार ऑनलाइन टेस्ट होता है। इसमें प्रतियाेगी का पिछले परफार्मेंस के आधार पर चयन होता है। गूगल के चार अवार्ड मिलने पर पैनल नेे मुझे सदस्य बनाया है।

इन अवार्ड के आधार पर बनी पैनल की सदस्य
शिल्पा का कहना है कि उन्होंने पूर्व में गूगल के ग्लोबल एड वर्डस बिजनेस अवार्ड, एशिया पैसेफिक एड वर्डस बिजनेस अवार्ड, एशिया पैसेफिक गूगल+सोशल मीडिया मार्केटिंग अवार्ड और एड वर्डस सोशल एम्पेक्ट अवार्ड जीता है।

यह करता है गूगल का एकेडमिक पैनल
गूगल के वैश्विक शैक्षणिक पैनल में दुनिया भर के विद्वान हैं जो गूगल ऑनलाइन मार्केटिंग चैलेंज के अकादमिक पहलुओं का प्रबंधन करते हैं। क्षेत्रीय और वैश्विक विजेताओं को चुनने के अलावा, पैनल चैलेंज शिक्षण सामग्री और अनुसंधान विकसित करता है। इसमें 12 देशों यूएसए, आॅस्ट्रेलिया, स्विटजरलैंड, कतर, साऊदी अरेबिया, पोलैंड, कैनेडा, मलेशिया, केन्या, फिनलैंड, ऑस्ट्रिया और ब्राजील के प्रतिनिधि हैं।

यह किया है शिल्पा ने
शिल्पा, एमएम यूनिवर्सिटी बड़ौदा और मुंबई विवि से प्रशिक्षित और एक संचार पेशेवर हैं। एनआईएमएस विवि मुंबई, संकाय सदस्य हैं। वे आईएचसी, नई दिल्ली, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) अहमदाबाद और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (आईआईएमए) में प्रशिक्षक हैं। टीम बिल्डिंग और द आर्ट ऑफ इंफ्लुएंसिंग एंड नेविगेशन पर उनके सत्र लोकप्रिय हैं। वह संचार पढ़ाने में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कॉर्पोरेट संचार, विज्ञापन, ब्रांडिंग, विपणन संचार और विकास संचार पर शोध किए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 10 शोध परियोजनाओं पर काम किया है। वर्तमान में नरसिंह मोन जी इंस्टीट्यूट मुंबई में सहायक प्राध्यापक हैं।

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